इंदौर। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इंदौर रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण और विस्तार के लिए रेलवे अगले चरण में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल से करेगा।मां अहिल्या की नगरी इंदौर और भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन को बाबा विश्वनाथ की धरती काशी (बनारस-उप्र) से जोड़ने के लिए बहुत जल्द निजी ट्रेन चलाई जाएगी। विशेष सुविधाओं वाली इस ओवरनाइट ट्रेन से दो तीर्थनगरियों-उज्जैन व बनारस आने-जाने वाले पर्यटकों को सुविधा होगी। यह ट्रेन इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) चलाएगा।
यहां मीडिया से बातचीत में गोयल ने कहा कि इंदौर-हावड़ा शिप्रा एक्सप्रेस को प्रतिदिन चलाने के लिए जो रास्ता हमें चाहिए, वहां अभी क्षमता बढ़ाने का काम हो रहा है। एक हिस्से में बॉटलनेक है जिसे खत्म किया जा रहा है। उसके बाद सुविधाएं और ट्रेनों का आवागमन बढ़ाएंगे। लोग रेलवे में निजी निवेश का स्वागत कर रहे हैं।निवेश नहीं होने से देश के हर मार्ग पर 100, 120, 140 से लेकर 150 प्रतिशत तक ओवरलोड है।
रेलमंत्री के अनुसार निजी निवेश से भारतीय रेलवे नए युग में प्रवेश कर रही है। रेलवे में 50 लाख करोड़ रुपए का निवेश सुविधाएं बढ़ाने के लिए हो रहा है। रेलवे सरकारी क्षेत्र में ही रहेगी।
नई दिल्ली-देहरादून नंदादेवी ट्रेन को इंदौर तक बढ़ाने की मांग पर सहमति देने के बावजूद अमल नहीं होने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि ट्रैक ओवरलोड होने से ऐसा नहीं हो सका।
गोयल ने कहा कि हम तेज गति से चलने वाली मेमू ट्रेन चलाने पर काम कर रहे हैं। रेल के विद्युतीकरण के साथ आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम जब देश में आएगा तो क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी।
इंदौर से चलने वाली लिंगमपल्ली हमसफर एक्सप्रेस के सवाल पर रेल मंत्री का कहना था कि सांसदों की समिति ने हमें आदेश दिया है कि यदि किसी ट्रेन को किसी स्टेशन से यात्री नहीं मिल रहे हैं तो ऐसे स्टॉपेज पर नियंत्रण किया जाए। इस सुझाव पर काम करना शुरू कर दिया है। संभवत: लिंगमपल्ली ट्रेन उसी में शामिल होगी।