सुल्तानगंज. तहसील के करीब एक एक दर्जन वाहन चालकों एवं 26 मजदूरों को प्रशासन ने गांव जाते समय रास्ते में रोका और आदिमजाति कल्याण विभाग के छात्रावास में ले जाकर रखा गया। इसके बाद यहां पर मेडिकल टीम से क्वारेंटाइन कराया गया। परीक्षण में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। रायपुर छत्तीसगढ़ से ट्रक चालक रायपुर में एक ट्रांसपोर्ट में काम करते थे। वे सभी अपने ट्रांसपोर्ट मालिक के एक ट्रक में सवार होकर अपने-अपने घरों को लौट रहे थे। तभी जानकारी मिलते ही प्रशासन ने उन्हें रास्ते में उतारने के बाद छात्रावास ले जाकर मेडिकल परीक्षण कराया गया। नायब तहसीलदार सपना झीलोरिया ने बताया कि उन्हें दूरभाष पर सूचना मिली की छत्तीसगढ़ रायपुर से एक ट्रक में सवार होकर कुछ लोग बेगमगंज एवं सुल्तानगंज क्षेत्र के अपने-अपने गांव को लौटने जा रहे हैं। जिन्होंने अस्पताल आकर अपना परीक्षण नहीं कराया और वे सीधे अपने-अपने घरों को जा रहे थे।
इनमें 10 लोगों में बेगमगंज के पांच ड्राइवर प्रकाश पंथी, वसीम खान, गेंदालाल राय, दिनेश सेन, हरज्ञान अहिरवार शामिल हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के नीरज रघुवंशी, अखलेश आदिवासी, राहुल कोरी, रतिराम बसुदेवा, मनोज यादव का बीएमओ डॉ. विजय लक्ष्मी नागवंशी द्वारा मेडिकल टीम के साथ स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस संबंध में बीएमओ डॉ. विजयलक्ष्मी नागवंशी ने बताया कि सभी 38 लोगों की जांच निगेटिव आई है। फिर भी उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है।
रतलाम से डिंडोरी के लिए पैदल ही चल पड़े मजदूर
बाड़ी. लॉकडाउन में मजबूरी के कारण रतलाम से पैदल चलकर छिंदवाड़ा, कटनी, डिंडोरी की और जा रहे मजदूर रविवार को बाड़ी पहुंचे। जहां तहसीलदार संजय कुमार नागवंशी एवं थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सक्सेना ने मजदूरों को तहसील परिसर में रोका। उनको भोजन की व्यवस्था की। इसके बाद सभी को बस से उनके घर भेजने के इंतजाम किए। इनमें 2 मजदूर छिंदवाड़ा के हैं, जबकि 30 कटनी के बताए जा रहे शेष 21 डिंडोरी के हैं।