गृहयुद्ध को दबाने में लगा चीन, बच्‍चों को भी जेल में ठूंसा

 



नई दिल्‍ली: चीन भले ही कोरोना की जंग को जीतने का दावा करता हो, लेकिन अब देश में ही उसकी सरकार के खिलाफ ऐसा युद्ध शुरू हो गया है, जिसके बाद उसके टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे। हालांकि लोगों की आवाज को दबाने के लिए चीन ने एक बार फिर लोगों पर अत्‍याचार करने शुरू कर दिए हैं। हांगकांग में जो लोग सड़क पर उतरकर चीनी सरकार का विरोध कर रहे हैं, उनको गिरफ्तार करके जेल में डाला जा रहा है। हद तो तब हो गई, जब चीन ने स्‍कूल में पढ़ने वाले छोटे बच्‍चों को भी हिरासत में लेकर जेल में ठूंसना शुरू कर दिया।


मिली जानकारी के अनुसार, हांगकांग में चीनी संप्रभुता से संबंधित दो विवादास्पद नए कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग 100 बच्चों को गिरफ्तार किया गया था। इसके साथ ही बुधवार और गुरुवार को हिरासत में लिए गए 396 लोगों में से लगभग आधे छात्र थे। अधिकारियों ने वान चाई, कॉजवे बे, शाम शुई पो, मोंग कोक, क्वई चुंग, त्सेन वान, ताई पो और यूएन लांग सहित कई जिलों से लोगों को गिरफ्तार किया। यह सभी लोग चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। लगभग 60 बच्‍चे जोकि माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ते हैं, उनको मिलकार कुल 180 छात्रों को हिरासत में लिया गया है। गिरफ्तार लोगों की उम्र 12 से 70 के बीच थी और इनमें 234 पुरुष और 162 महिलाएं शामिल हैं।


हांग‍कांग में चीन को लेकर यह विरोध प्रदर्शन तक उग्र हुआ, जब वहां की संसद में हांगकांग को लेकर एक कानून पास किया है। बीजिंग के इस कदम ने मौजूदा स्थानीय स्वतंत्रताओं ने चिंता जताई है। कुछ लोगों ने चेतावनी के साथ कहा है कि 'एक देश, दो प्रणाली' सिद्धांत के तहत हांगकांग की उच्च स्वायत्तता का अंत हो जाएगा। कोरोनो वायरस महामारी के कारण स्कूलों को बंद कर दिया गया था, लेकिन बुधवार को थ्री से फाइव के विद्यार्थियों का पहला दिन था।


शिक्षा ब्यूरो ने कहा कि बुधवार शाम को यह नोट किया गया था कि स्कूल की वर्दी पहनने वाले कुछ युवाओं को गिरफ्तार किया गया था और यह घटनाएं दिल दहला देने वाली व चिंताजनक थीं। उन्‍होंने छात्रों से स्कूल लौटने को कहा है, साथ ही ऐसी किसी भी गतिविधि में भाग नहीं लिया, जो चीन की सरकार की नजर में अवैध और छात्रों की सुरक्षा के लिए खतरा है।


बता दें कि चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने हांगकांग के लिए नए सुरक्षा कानून समेत आखिरी दिन कई विधेयकों को मंजूरी दे दी है। अब कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति ने यह विधेयक पारित कर दिया है और यह अगस्त तक कानून बन सकता है। इस विधेयक के समर्थन में 2,878 जबकि विपक्ष में मात्र एक वोट पड़ा।