लखनऊ : अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद अब मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा गरमा गया है। कृष्ण जन्मभूमि का मामला कोर्ट में पहुंच गया है। 13.37 एकड़ भूमि पर दावा करते हुए जन्मभूमि से लगी हुई शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की है। मथुरा की कोर्ट में सिविल मुकदमा दायर किया गया है।
जानकारी के अनुसार, यह याचिका 'भगवान श्रीकृष्ण विराजमान' और 'स्थान श्रीकृष्ण जन्मभूमि' के नाम से दाखिल की गई है। याचिका के मुताबिक जिस जगह पर शाही ईदगाह मस्जिद है, असल में वह कारागार है, जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की सखा रंजना अग्निहोत्री की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने याचिका दायर की है। याचिका में जमीन को लेकर 1968 के समझौते को गलत बताया। यह केस भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, कटरा केशव देव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर की ओर से अंतरंग सखी के रूप में अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य भक्तों ने दाखिल किया है।
इतिहासकार बताते हैं कि 1669-70 में औरंगजेब ने कटरा केशवदेव स्थित भगवान कृष्ण के जन्म के श्री कृष्ण मंदिर को ध्वस्त कर दिया था और एक संरचना बनाई गई थी और इसे ईदगाह मस्जिद कहा गया था.।एक सौ साल बाद, मराठों ने गोवर्धन की लड़ाई जीत ली और आगरा और मथुरा के पूरे क्षेत्र के शासक बन गए। मराठों ने मस्जिद की तथाकथित संरचना को हटाने के बाद कटरा केशवदेव में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म स्थान का विकास और जीर्णोद्धार किया।